AMBIKAPUR NEWS : जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में आज पंचायत के अनुमोदन से जारी विभिन्न विकास कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन में ढिलाई बरतने और धरातल में योजना का क्रियान्वयन न होने को लेकर रोष जता जिला पंचायत सदस्यों की कमेटी बना जांच की मांग की। बैठक में स्कूल जतन योजना, जल जीवन मिशन, डीएमएफ, जनपद विकास निधी, 15वें वित्त, आंतरिक विद्युतिकरण सहित कई मुद्दों पर सदस्यों के उठाए सवालों का जवाब अधिकारी नहीं दे पाए।
बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने बैठक में महामाया पहाड़, घुटरापारा, खैरबार सहित अम्बिकापुर निगम से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों के वन, नजूल व राजस्व भूमि पर कब्जे और अन्य विवाद के निपटारे के लिए महापौर, जिला पंचायत अधिकारी समेत विभागीय अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की साझा कमेटी बनाने की मांग उठाई जिसे बैठक में सहमति दी गई। साथ ही नीट परीक्षा में धांधली के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को पत्र प्रेषित करने और जिला शिखा अधिकारी को छात्रों के संपर्क में रख उनका मनोबल बनाए रखने भी कहा गया।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह ने सरगुजा कलेक्टर द्वारा वन अधिकार पत्र की कॉपी देने हेतु गुरूवार को दो घंटे का समय देने को बड़ी सहूलियत बता उनका आभार भी प्रगट किया। बैठक में स्कूल जतन योजना के नाम पर तोड़े गए 151 स्कूलों के कार्य प्रारंभ नहीं होने पर रोष जता इसकी जवाबदेही तय करने और रकम जिला को वापस कराने की मांग भी रखी गई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह की सहमति से कई अन्य विषय भी चर्चा में आए, जिसमें लुण्ड्रा जनपद में केन्द्र के योजनाओं की बची राशि का खर्च न करने सहित अन्य मुद्दे भी उठाए गए।
AMBIKAPUR NEWS : 50 लाख के रेडियो, छाता किसे मिला?
जिला पंचायत सदस्य सुनील बखला ने डीएमएफ मद से मैनपाट के मांझी, मझवारों को 50 लाख का रेडियो और छाता बांटने का मामला उजागर कर कहा कि इस मामले को जिपं सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच होना चाहिए कि इसका लाभ कितने परिवारों को मिला है और इस जागरूकता कार्यक्रम से उनके जीवन में क्या बदलाव आया है। जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने विद्युत विभाग के तकनीकी कार्यों की सहमति पर सवाल उठाते हुए कहा कि बगैर सहमति के विद्युत विभाग मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं, जिसके लिए जवाबदेही तय होना चाहिए।
सफेद हाथी हो गया है जल जीवन मिशन
जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने पीएचई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरगुजा में 1500 करोड़ से अधिक के कार्य जिले में चल रहे हैं, मगर पीएचई के अधिकारी न तो फोन रिसीव करते और न ही बैठक में सही जानकारी देते। उन्होंने कहा कि पंचायत के सदस्यों से पुष्टि करा लें, किसी भी गांव में नल जल का पानी नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में यह योजना सफेद हाथी साबित हो रही है।
जिपं सदस्या राकेश गुप्ता के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह ने भी 15वें वित्त योजना और जनपद विकास निधि के कार्यों के बंदरबांट का आरोप लगा कहा कि जितनी भी राशि खर्च की गई है उसकी जानकारी ले अगली बैठक में आएं ताकि कमेटी इसकी जांच कर सके।