CG News : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में बड़ा हादसा हुआ, जिसमें कोयले से लदा हुआ हॉपर और करीब 150 फीट लंबी बेल्ट गिरने से 7-8 मजदूर मलबे में दब गए। इस घटना में अब तक 3 मजदूरों की मौत हो चुकी है, जबकि 2-3 अन्य मजदूरों के भी दबे होने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, जिस हॉपर में भूसा लोड किया जाता था, उसमें कोयला डाला जा रहा था, जिससे यह दुर्घटना हुई।
घटना सुबह करीब 11 बजे की है, जब सिलसिला क्षेत्र में स्थित मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक कोयला लोडिंग हॉपर गिर पड़ा, जिसके साथ बॉयलर तक कोयला पहुंचाने वाली बेल्ट भी फ्रेम सहित टूटकर गिर गई। इस हादसे में मौके पर काम कर रहे कई मजदूर दब गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
CG News : राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे के बाद प्लांट में अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद मजदूरों ने तुरंत हाइड्रा और जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल कर मलबा हटाने और दबे हुए मजदूरों को निकालने का प्रयास शुरू किया। घायलों को एंबुलेंस से सरगुजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।
CG News : 3 मजदूरों की मौत
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने दो मजदूरों, मनोज और प्रिंस राज, को मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा इलाज के दौरान एक और मजदूर की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस चौकी प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
मलबा हटाने के प्रयास जारी
प्लांट में बचाव कार्य तेज करने के लिए हाइड्रा और जेसीबी मंगवाई गईं। साथ ही, लोहे को काटने के लिए गैस कटर का उपयोग किया जा रहा है ताकि मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अभी भी तीन से चार मजदूर मलबे में दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास जारी है।
लापरवाही बनी हादसे की वजह
सूत्रों के अनुसार, जिस हॉपर में हादसा हुआ, उसमें पहले भूसा डाला जाता था और उससे बॉयलर चलाया जाता था। 1 सितंबर से इस हॉपर में कोयला डाला जाने लगा, जिससे बॉयलर को चलाया जा सके। लेकिन यह हॉपर भूसा लोड करने के लिए डिजाइन किया गया था, न कि भारी कोयला के लिए। ओवरलोड होने के कारण हॉपर अपना वजन नहीं संभाल सका और दुर्घटना हो गई।